KTR पर निशाना: भारत राष्ट्र समिति (BRS) में हाल ही में एक गंभीर आंतरिक संकट उभरकर सामने आया है, जब पार्टी की महिला मोर्चा प्रमुख और विधान परिषद सदस्य के. कविता ने अपने भाई और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव (KTR) पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कविता ने दावा किया है कि पार्टी के कुछ अंदरूनी लोग BRS का भारतीय जनता पार्टी (BJP) में विलय करने की साजिश रच रहे हैं, और इस प्रक्रिया में उन्हें साइडलाइन किया जा रहा है।
कविता का पार्टी नेताओं पर तीखा हमला
KTR पर निशाना: कविता ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पिता और पार्टी प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (KCR) उनके लिए देवतुल्य हैं, लेकिन उनके आसपास कुछ ‘दानव’ हैं जो पार्टी को नुकसान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने उनके द्वारा KCR को लिखा गया निजी पत्र भी लीक कर दिया, जिसमें उन्होंने पार्टी की BJP के प्रति नरम रुख पर चिंता जताई थी।
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जेल में रहते हुए BRS-BJP विलय की साजिश का दावा
कविता ने यह भी दावा किया कि जब वह दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में थीं, तब पार्टी के कुछ नेताओं ने BRS का BJP में विलय करने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि यह साजिश उन्हें साइडलाइन करने और पार्टी की दिशा बदलने के लिए रची गई थी।
लीक हुआ निजी पत्र और पार्टी में असंतोष
कविता का कहना है कि उन्होंने दो सप्ताह पहले KCR को एक निजी पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने पार्टी की नीतियों और नेतृत्व के प्रति अपनी चिंताओं को व्यक्त किया था। इस पत्र के लीक होने पर उन्होंने पार्टी के अंदरूनी लोगों पर आरोप लगाया कि वे उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
कविता के आरोपों पर KTR का परोक्ष जवाब
KTR ने कविता के आरोपों पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मामलों को सार्वजनिक रूप से नहीं उठाया जाना चाहिए। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे पार्टी में असंतोष और बढ़ गया है।
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पार्टी के भीतर भाई-बहन के टकराव से उभरी कलह
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BRS में यह आंतरिक संघर्ष पार्टी की भविष्य की दिशा और नेतृत्व को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। कविता के आरोपों ने पार्टी में विभाजन की आशंका को और गहरा कर दिया है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि KCR इस संकट को कैसे संभालते हैं।
इस घटनाक्रम ने तेलंगाना की राजनीति में हलचल मचा दी है, और आने वाले दिनों में BRS की आंतरिक राजनीति में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।












