आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री Manish Sisodia की कानूनी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने उन्हें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण से जुड़े बहुचर्चित घोटाले के मामले में दूसरी बार समन जारी किया है। इस बार उन्हें 20 जून को ACB के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले भी Manish Sisodia को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर पेश होने से इनकार कर दिया था। ACB के अधिकारियों का कहना है कि अब उन्हें दूसरी बार समन भेजा गया है, और यदि वे फिर से पेश नहीं होते, तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या है क्लासरूम घोटाले का मामला?
यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम के निर्माण से जुड़ा हुआ है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 2000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ACB का आरोप है कि इस परियोजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती गईं। निर्माण कार्यों की लागत को अनावश्यक रूप से बढ़ा दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
ACB के अनुसार, जिन ठेकेदारों को काम सौंपा गया, उनके सीधे संबंध आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं से थे। साथ ही, जो कक्षाएं बनाई गईं, वे पूर्ण पक्के निर्माण नहीं थे, बल्कि सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर के रूप में तैयार किए गए थे। इसके बावजूद उनकी लागत को बहुत अधिक दिखाया गया।
निर्माण लागत को लेकर गंभीर सवाल
जांच एजेंसी का कहना है कि क्लासरूम निर्माण की औसत लागत 24.86 लाख रुपये प्रति कक्षा दिखाई गई, जबकि दिल्ली में ऐसे ही निर्माण कार्य की औसत लागत लगभग 5 लाख रुपये प्रति कक्षा होती है। यानी यह लागत पांच गुना अधिक दिखाई गई। इस बढ़ी हुई लागत के पीछे भ्रष्टाचार और राजनीतिक लाभ की मंशा बताई जा रही है।
सत्येंद्र जैन से भी हो चुकी है पूछताछ
इस घोटाले में केवल Manish Sisodia ही नहीं, बल्कि दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का भी नाम सामने आया है। ACB ने सत्येंद्र जैन से पहले ही पूछताछ कर ली है और उन्हें भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए नियमों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से परियोजनाएं मंजूर कराईं।
उपराज्यपाल से मंजूरी के बाद दर्ज हुई एफआईआर (FIR)
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से अनुमति मिलने के बाद ACB ने 30 अप्रैल 2025 को Manish Sisodia और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह मामला शुरू से ही राजनीतिक गर्मी का विषय रहा है। AAP का आरोप है कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, जबकि जांच एजेंसियां इसे तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित बता रही हैं।
बीजेपी की मांग: सिसोदिया को तुरंत किया जाए गिरफ्तार
यदि Manish Sisodia इस बार भी ACB के समन का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। वहीं, आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार AAP नेताओं को फंसाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। इस बीच, बीजेपी ने आरोपों को गंभीर बताते हुए सिसोदिया की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
इस मामले में आने वाले हफ्ते महत्वपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि अगर ACB के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं तो यह मामला Manish Sisodia के लिए कानूनी रूप से और भी पेचीदा हो सकता है। घोटाले की रकम और इसमें शामिल कथित राजनीतिक हस्तक्षेप को देखते हुए यह मामला दिल्ली की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।












