NGT में हलफनामा: ताजमहल के पास खड्डों के विनाश और खनन पर सरकार का जवाब 2025

NGT में हलफनामा: उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के समक्ष एक महत्वपूर्ण हलफनामा दायर किया है, जिसमें ताजमहल के आसपास

NGT में हलफनामा: ताजमहल के पा स खड्डों के विनाश और खनन पर सरकार का जवाब 2025

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NGT में हलफनामा: उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के समक्ष एक महत्वपूर्ण हलफनामा दायर किया है, जिसमें ताजमहल के आसपास खड्डों के विनाश और अवैध खनन के आरोपों के संबंध में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।

NGT में हलफनामा: ताजमहल के पास खड्डों के विनाश और खनन पर सरकार का जवाब 2025

इस हलफनामे में सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य ने 17 जिलों को बाढ़ के मैदानी क्षेत्र के रूप में अधिसूचित कर दिया है, जिससे अवैध खनन और पर्यावरणीय क्षति को रोका जा सके।

NGT में हलफनामा: ताजमहल के आसपास अवैध खनन पर चिंता

यह मामला तब सामने आया जब डॉ. शरद गुप्ता (आवेदक) ने पत्र याचिका के माध्यम से ताजमहल के आसपास वन खड्डों के विनाश और यमुना नदी के बाढ़ के मैदान के संरक्षण की आवश्यकता को लेकर चिंता व्यक्त की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन खड्डों का विनाश 1000 से अधिक प्रजातियों के जीवों और वनस्पतियों के लिए खतरा बन सकता है और इससे पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, यह भी दावा किया गया कि अवैध खनन और खड्डों के विनाश से ताजमहल की संरचना को खतरा हो सकता है।

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ताज वन खंड में खनन के दावे की सच्चाई

NGT ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपों की सच्चाई की पुष्टि के लिए एक संयुक्त समिति गठित की। इस समिति में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय), ताज ट्रैपेजियम जोन प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और आगरा के जिला मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया।

संयुक्त समिति की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त क्षेत्र का निरीक्षण करने पर पाया गया कि ताज वन खंड में बड़े पैमाने पर खनन नहीं किया गया और बीहड़ों का नाश भी नहीं हुआ। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि दौरे के दौरान सिंचाई विभाग के अधिशासी इंजीनियर ने बताया कि ताजमहल के पीछे स्थित बाढ़ के मैदान क्षेत्र का सीमांकन अभी तक नहीं किया गया था।

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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला

इस रिपोर्ट के आधार पर NGT ने केंद्रीय जल आयोग (CWC) को निर्देश दिया कि वह चार महीने के भीतर यमुना नदी के बाढ़ के मैदानों का सीमांकन पूरा करे। इस आदेश के अनुपालन में, CWC ने बाढ़ के मैदान क्षेत्र के सीमांकन और पहचान के लिए विस्तृत कदम उठाने की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह CWC की रिपोर्ट प्राप्त होने के तीन सप्ताह के भीतर आवश्यक अधिसूचना जारी करे। इस आदेश का अनुपालन करते हुए, राज्य सरकार के वकील ने बताया कि CWC द्वारा गठित समिति से बाढ़ क्षेत्र की पहचान की रिपोर्ट प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर सिंचाई विभाग आवश्यक अधिसूचना जारी करेगा। इस कथन के आधार पर, न्यायालय ने आवेदन का निपटारा कर दिया।

इसके बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें यह कहा गया कि CWC की फाइनल रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, सिंचाई विभाग ने असगरपुर से इटावा और शाहपुर से प्रयागराज के बीच आने वाले जिलों में ब्लॉकों द्वारा जमीनी सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर और प्रमुख द्वारा किए गए प्रस्ताव के अनुसार, राज्य के 17 जिलों को बाढ़ क्षेत्र के रूप में अधिसूचित कर दिया गया।

ताजमहल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पहल

यूपी सरकार ने आगे बताया कि सिंचाई एवं जल पुनर्संसाधन विभाग ने 21 दिसंबर 2024 को यमुना नदी के बाढ़ मैदान क्षेत्र की पहचान के संबंध में अपेक्षित अधिसूचना भी जारी कर दी। इस अधिसूचना का उद्देश्य यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ताजमहल सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों को संभावित क्षति से बचाना था।

यह मामला न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ताजमहल विश्व धरोहर स्थल है और इसके आसपास का क्षेत्र पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील माना जाता है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध खनन या भूमि विनाश से ताजमहल की संरचना को दीर्घकालिक क्षति पहुंच सकती है।

NGT का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करेगा, जिससे राज्य में अवैध खनन और पर्यावरणीय क्षति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, इस फैसले से यह भी स्पष्ट हो गया कि सरकार को पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

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पर्यावरण सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार की ठोस कार्रवाई

इस मामले में NGT का आदेश और उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि ताजमहल और उसके आसपास का क्षेत्र किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों से सुरक्षित रहे और भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचाव के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

केस टाइटल: डॉ. शरद गुप्ता बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य (मूल आवेदन संख्या 316/2022)

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बिल के खिलाफ क्या बोले आरसीबीए के वाईस प्रेजिडेंट

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना