SC की गरिमा पर हमला! निशिकांत दुबे की टिप्पणी के खिलाफ याचिका, सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने की मांग 2025 !

SC की गरिमा पर हमला! नई दिल्ली-देश की सबसे बड़ी अदालत और उसके प्रधान न्यायाधीश (CJI) पर अभद्र टिप्पणियां और अवमाननात्मक पोस्ट सोशल

SC की गरिमा पर हमला! निशिकांत दुबे की टिप्पणी के खिलाफ याचिका, सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने की मांग 2025 !

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SC की गरिमा पर हमला! नई दिल्ली-देश की सबसे बड़ी अदालत और उसके प्रधान न्यायाधीश (CJI) पर अभद्र टिप्पणियां और अवमाननात्मक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होना अब कानूनी कार्रवाई की दहलीज पर पहुँच गया है।

SC की गरिमा पर हमला! निशिकांत दुबे की टिप्पणी के खिलाफ याचिका, सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने की मांग 2025 !
SC की गरिमा पर हमला! निशिकांत दुबे की टिप्पणी के खिलाफ याचिका, सोशल मीडिया से अपमानजनक पोस्ट हटाने की मांग 2025 !

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक अहम याचिका दायर की गई, जिसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के विवादित बयानों को लेकर कोर्ट से त्वरित हस्तक्षेप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सुप्रीम कोर्ट व CJI के खिलाफ वायरल हो रही अपमानजनक सामग्री हटाने की गुहार लगाई गई है।

SC की गरिमा पर हमला! लोकतंत्र और न्यायिक स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा पर मंडराता खतरा

दरअसल, हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कुछ विधायी मामलों और वक्फ अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर तीखी टिप्पणी की थी। दुबे ने अपने बयानों में कहा था कि भारत में गृहयुद्धों के लिए CJI जिम्मेदार हैं।” इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सुप्रीम कोर्ट को लेकर अशोभनीय और आपत्तिजनक शब्दावली का भी इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में अदालत को ‘क…’ कहे जाने के अलावा, ‘शरिया से संचालित’ बताया गया।

इस घटना ने न्यायिक व्यवस्था की गरिमा और स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। सुप्रीम कोर्ट के सामने अब यह मुद्दा पेश हुआ है कि क्या इस तरह की सार्वजनिक टिप्पणियां और सोशल मीडिया कंटेंट अदालत की अवमानना के दायरे में आते हैं और क्या इस पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।

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वकील की याचिका और कोर्ट की प्रतिक्रिया

याचिकाकर्ता के वकील ने मंगलवार को जस्टिस बीआर गवई की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। वकील ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार एक लोकसभा सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पर इस स्तर की टिप्पणी की है।

वकील ने कोर्ट से आग्रह किया, यह देश की सबसे बड़ी अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है। अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वीडियो पूरे देश में वायरल हो चुका है। इससे कोर्ट की प्रतिष्ठा और जनता का विश्वास प्रभावित हो रहा है।”

इस पर जस्टिस गवई ने मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

SC की गरिमा पर हमला!

अटॉर्नी जनरल को भेजा पत्र

इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) ने देश के अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है। पत्र में कहा गया है कि दुबे ने सर्वोच्च न्यायालय और CJI के खिलाफ अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, जिनका प्रभाव न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा पर पड़ता है।

पत्र में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि यदि इस तरह की टिप्पणियों और वीडियो को अनदेखा किया गया, तो यह न्यायपालिका के संस्थागत सम्मान और उसके प्रति जनता के विश्वास को कमज़ोर करेगा।

क्यों है मामला अहम?

भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसकी गरिमा को सर्वोच्च महत्व दिया गया है। अदालतें सिर्फ कानून का पालन ही नहीं करातीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मानदंड भी स्थापित करती हैं। ऐसे में देश के सर्वोच्च न्यायालय और उसके प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ इस प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणियां करना केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला माना जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस तरह के मामलों में सख्ती बरत चुका है। हाल ही में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सार्वजनिक माफ़ी मांगने का आदेश दिया था। इस मामले में भी ऐसा ही रुख अपनाए जाने की संभावना है।

nishikant dubey on supreme court

सोशल मीडिया पर बवाल

निशिकांत दुबे की टिप्पणी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। ट्विटर (अब X), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह वीडियो शेयर किया जा रहा है। कई यूजर्स ने इसे ‘हेट स्पीच’ करार दिया, जबकि भाजपा समर्थकों के एक वर्ग ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया।

हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी संविधान द्वारा तय सीमाओं में ही रहनी चाहिए। किसी संवैधानिक संस्था और न्यायाधीश पर निजी हमले करने का अधिकार किसी को नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला

सुप्रीम कोर्ट पहले भी अपने पूर्व आदेशों में स्पष्ट कर चुका है कि यदि कोई व्यक्ति न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला वक्तव्य देता है या न्यायाधीशों के खिलाफ अनुचित टिप्पणी करता है, तो वह अदालत की अवमानना के दायरे में आता है।

2018 में प्रशांत भूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘न्यायपालिका की आलोचना करना गलत नहीं है, परंतु गरिमाहीन भाषा या अवमाननात्मक टिप्पणी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं कहा जा सकता।’

सरकार की चुप्पी पर सवाल

इस पूरे घटनाक्रम में केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा, सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जबकि यह गंभीर संवैधानिक मामला है।”

अगर सरकार ने स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की होती, तो शायद सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुँचने की नौबत नहीं आती।

क्या हो सकते हैं संभावित आदेश?

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में या तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश देकर उक्त वीडियो हटाने का आदेश दे सकता है या फिर सीधे निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू कर सकता है।

साथ ही, यह भी संभव है कि कोर्ट अटॉर्नी जनरल से औपचारिक राय लेकर आगे की प्रक्रिया तय करे। यदि अटॉर्नी जनरल सहमति देते हैं, तो अदालत स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना का नोटिस जारी कर सकती है।

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लोकतंत्र की बुनियाद को चुनौती देतीं अपमानजनक टिप्पणियां

यह मामला न सिर्फ दो व्यक्तियों या एक संस्था की गरिमा का सवाल है, बल्कि देश की संवैधानिक व्यवस्था, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की नींव से भी जुड़ा है। यदि ऐसे बयानों और हरकतों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए गंभीर संकट खड़ा कर सकता है।

अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कितना सख्त रुख अपनाता है और क्या केंद्र सरकार भी इस पर कोई कार्रवाई करती है या नहीं।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना