दिल्ली चुनाव का अखाड़ा: दिल्ली चुनाव का अखाडा सज गया है और अगर आदर्श नगर विधानसभा सीट की बात करू तो यहाँ पर दिल्ली की तीनो बड़ी पार्टी ने अपने उमीदवार मैदान में उतार दिए है।
टीपू सुल्तान और आप देख रहे है बोलेगा इंडिया
दिल्ली चुनाव का अखाड़ा: आदर्श नगर सीट पर इतिहास और वर्तमान के दावेदारों का विश्लेषण
आम आदमी पार्टी से मुकेश गोयल है तो वही भाजपा पार्टी ने राज कुमार भाटिया को टिकट दिया है और कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल के पोते शिवांक सिंघल को टिकट दिया है। आपको बता दे इस सीट पर इस बार महा मुकाबला होने जा रहा है। इसके साथ ही दावेदारों का भविष्य भी इसी चुनाव पर टिका है नहीं तो अगली बार इनको चुनावी मैदान में आने के लिए बहुत दिक्कत होने वाली है।
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दिल्ली चुनाव का अखाड़ा: इसलिए इस बार इन उमीदवारो को पूरा जोर लगा कर इस विधानसभा को फतह करना होगा। एक छोटी सी चूक भी पूरा राजनितिक भविष्य ख़राब कर सकती है। आपको दावा करते है जो जानकारी हम आपको इस खबर में देंगे वो कही देखने को और सुनने को नहीं मिलेगी। भी हम थोड़ा कम समय में बात कर लेते है कि जिस दिन से ये सीट बनी है आप लोग किस पार्टी और उमीदवार को जिताते आये हो।
1993 की ऐतिहासिक शुरुआत और सबसे कम मार्जन वाली जीत की कहानी
असल में इस आदर्श नगर सीट का गठन 1993 में हुआ था और इस सीट पर सबसे पहले भाजपा के जय प्रकाश यादव ने 50,938 वोट लेकर मात्र 40 वोट जायदा लेकर जीत हासिल की थी और ये उस टाइम की 70 सीटों में से सबसे कम मार्जन वाली जीत थी।
फिर 1998 से लेकर 2013 तक कांग्रेस के पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल ने इस सीट को जीता। उसके बाद जब 2013 में चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने पहली बार दिल्ली में चुनाव लड़ा और इस सीट से जगदीप राणा को टिकट दिया गया। कांग्रेस से मंगत राम सिंघल थे और भाजपा पार्टी ने राम किशन सिंघल को मैदान में उतारा था।
राम किशन सिंघल की ऐतिहासिक जीत और भाजपा की वापसी
दिल्ली चुनाव का अखाड़ा: इस चुनाव में भाजपा कई सालो बाद इस सीट को जीती थी। 96,337 वोट राम किशन सिंघल को मिले थे और करीब 10,056 वोट से वो जीते थे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी और फिर कुछ ही दिनों में ये सरकार गिर गई थी। दिल्ली में 2015 में फिर चुनाव हुए और इस बार कांग्रेस से मुकेश गोयल ,भाजपा से राम किशन सिंघल और आप पार्टी से पवन शर्मा मैदान में थे।
पवन शर्मा 2015 में यहाँ से इस चुनाव को जीत गए थे। उसके बाद पांच साल बीते ओर आ गया 2020 का चुनाव, असल में असली महा मुकाबले की कहानी यही से शुरू होती है। 2020 के इस चुनाव ने फिर से इस विधानसभा को 1993 की याद दिला दी थी। इस बार चुनाव में कांग्रेस से मुकेश गोयल और आम आदमी पार्टी से पवन शर्मा और भाजपा से राज कुमार भाटिया मैदान में थे।
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उस समय पूरा चुनाव धुआँधाड़ हुआ और मात्र 1589 वोट से राज कुमार भाटिया चुनाव हार गए थे और पवन शर्मा चुनाव जीत गए थे। इस छोटे से मार्जन ने ही इस बार के चुनाव को भी महा मुकाबले में तब्दील कर दिया है। लेकिन इस बार पार्टी और नेताओ के चेहरे भी बदले है। इस बार मौजूदा विधायक पवन शर्मा की टिकट काट कर मुकेश गोयल को मैदान में उतारा गया है। मुकेश गोयल एक कद्दावर नेता के रूप में भी जाने जाते है।
अनुभवी पार्षद पूर्व जिला अध्यक्ष या युवा चेहरा?
इस विधानसभा में कई बार वो निगम पार्षद रहे है और हर बार निगम का चुनाव हर परस्थिति में जीत कर दिखा देते है। इस बार आप पार्टी ने इन्हे चुनाव में उतारा है। अब देखना होगा कि क्या इस बार ये चुनाव जीत पाते है या ये मान लिया जाए कि नेता जी के नसीब में ही विधायक बनाना नहीं लिखा है।
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भाजपा पार्टी ने उसी छोटे से मार्जन वाली हार को देखते हुए राज कुमार भाटिया को फिर से मैदान में उतारा है। इसके साथ ही जिला अध्यक्ष रहते हुए जो उन्होंने काम करके दिखाया है वो काबिले तारीफ है। इस बार ये भी देखना होगा कि क्या इस बार वो अपनी छोटी सी हार को जीत में तब्दील कर पाते है या फिर से भाजपा को यहाँ से हार का मुँह देखना पड़ेगा।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस बार इस सीट पर तुरुप का इक्का खेला है। शिवांक सिंघल मंगत राम सिंघल के पोते होने के साथ साथ एक युवा चेहरा भी है। लगातार पार्टी के लिए काम करते हुए इन्होने आदर्श नगर की जनता के दिल में अपनी जगह बनाई ह। अब ये जगह वोटो में कितनी तब्दील होती नज़र आएगी ये देखना बाकि रहेगा। इस बार देखना ये है कि जनता के दिल में कौन है।












