क्या ‘JAAT’ है रामायण से प्रेरित? नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025 – बॉलीवुड के दो दमदार अभिनेताओं सनी देओल और रणदीप हुड्डा की आगामी फिल्म ‘जाट’ रिलीज से पहले ही चर्चाओं और विवादों में घिर चुकी है।
सोशल मीडिया से लेकर धार्मिक संगठनों तक, हर ओर इस फिल्म की कहानी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रमुख सवाल यह है कि क्या ‘जाट’ की कहानी ‘रामायण’ से प्रेरित है? क्या फिल्म का कोई धार्मिक उद्देश्य है या यह एक प्रतीकात्मक प्रस्तुति है? फिल्म की टीम, विशेषकर सनी देओल और रणदीप हुड्डा, इन सवालों का जवाब दे रहे हैं, लेकिन इससे विवाद और चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
क्या ‘JAAT’ है रामायण से प्रेरित? सनी देओल ने कहा हर इंसान में होती है अच्छाई-बुराई
क्या ‘JAAT’ है रामायण से प्रेरित? फिल्म ‘जाट’ 10 अप्रैल को थिएटर्स में दस्तक देने जा रही है। इसकी कहानी, टाइटल और ट्रेलर ने दर्शकों के बीच उत्सुकता तो बढ़ाई ही है, साथ ही विवादों की आग में भी घी डाल दिया है। फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए संवादों और दृश्यों को देखकर कुछ दर्शकों ने यह दावा किया है कि फिल्म का कथानक ‘रामायण’ से मेल खाता है। इस पर कई धार्मिक संगठनों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने आपत्ति जताई है।
हाल ही में फिल्म के प्रमोशनल इवेंट में जब सनी देओल और रणदीप हुड्डा से इस मुद्दे पर सवाल किए गए, तो उन्होंने बेहद संयमित और विचारशील जवाब दिए। सनी देओल ने कहा, “कहानी में जो था, वो हमने किया है। बाकी की सच्चाई आपको इसके डायरेक्टर और राइटर से ही पूछनी होगी। हमें कहानी सुनाई गई, हमने सुनी और पसंद आई तो कर ली।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिल्म की कहानी में अच्छाई और बुराई दोनों के पहलू हैं, जो हर इंसान में मौजूद होते हैं।
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हर इंसान में होते हैं राम और रावण के तत्व
क्या ‘JAAT’ है रामायण से प्रेरित? रणदीप हुड्डा ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “राम जी होते हैं अच्छाई के प्रतीक और रावण बुराई के। हर इंसान के अंदर दोनों पहलू होते हैं। ये फिल्म इसी अंतर्विरोध को दिखाने का प्रयास है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे इंसान अपने भीतर के रावण को जीत कर राम तत्व को प्रकट करता है।
सनी देओल ने इस पर और विस्तार से बात करते हुए कहा, “हम उन सभी चीजों से रिलेटेड होते हैं, जो हमारी किताबों, देवताओं और पौराणिक कथाओं में हैं। उनका जो भी है, वो हर आदमी में कुछ न कुछ आता रहता है। राम जी हैं तो राम जी ता होगा आदमी। और रावण है तो उसके जैसा भी कुछ न कुछ होगा। ये सब चीजें होती रहती हैं। मुझसे पूछा जाए तो इंसान के अंदर हर रूप है। यह निर्भर करता है कि आप अपने आप को कितना कंट्रोल करते हैं और कौन सा रूप बाहर लाते हैं।”
सनी देओल बोले: “सिनेमा को एंजॉय कीजिए ज्यादा मतलब मत निकालिए”
जब पत्रकारों ने सीधे तौर पर पूछा कि क्या फिल्म धार्मिक है? तो सनी देओल ने स्पष्ट किया, “जब आप सभी इस बारे में बात करते हैं तो लोग सेंसिटिव हो जाते हैं। हमें इन सारी चीजों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि अंत में हमें सभी प्यार करते हैं और हम सभी से प्यार करते हैं। हम पूरे देश को रिप्रेजेंट करते हैं। पूरी दुनिया को भी। इसलिए ऐसा कुछ नहीं कि हम किसी को ऊपर या नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है।”
उन्होंने लोगों से सिनेमा को एक कला और मनोरंजन के माध्यम के रूप में देखने की अपील की। सनी देओल ने कहा, “सिनेमा का मतलब उसे देखना, उसको इंजॉय करना और लौट जाना है। इससे ज्यादा कुछ भी नहीं। जो लोग बातें करते रहते हैं, उसी से लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं और इसलिए वे ऐसी चीजें करते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।”
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‘जाट’ टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब “पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी”
फिल्म के टाइटल ‘जाट’ को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह नाम एक खास जाति को इंगित करता है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक विवाद गहरा सकता है। इस पर रणदीप हुड्डा ने कहा, “और इसमें साजिश है कि जाट टाइटल क्यों? क्या ये कम्यूनिटी है? क्या ये एजेंट है? एटीट्यूड है? क्या ये इंसान है? ये आपको फिल्म से ही पता चलेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टाइटल को लेकर जो भी भ्रम हैं, उनका जवाब फिल्म में ही मिलेगा। उन्होंने दर्शकों से आग्रह किया कि वे फिल्म को देखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे।
‘जाट’ की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन?
फिल्म ‘जाट’ के विवाद ने फिल्मी गलियारों में एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या रचनात्मक स्वतंत्रता और धार्मिक आस्था के बीच कोई संतुलन संभव है? क्या फिल्मकार पौराणिक कथाओं से प्रेरणा लेकर नए रूपों में कहानियां कह सकते हैं, या फिर हर बार ऐसे प्रयास विवादों की भेंट चढ़ जाएंगे?
इन सबके बीच, सनी देओल और रणदीप हुड्डा की यह फिल्म एक बड़ी रिलीज मानी जा रही है। दोनों ही कलाकारों की एक्टिंग और स्क्रीन प्रजेंस को लेकर दर्शकों में काफी उम्मीदें हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म ‘जाट’ बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन करती है और दर्शक इसे किस नजरिए से स्वीकार करते हैं।
फिलहाल, फिल्म का प्रमोशन जोर-शोर से जारी है और इसके चारों ओर बहस, चर्चा और उत्सुकता का माहौल बना हुआ है। विवादों के बावजूद, ‘जाट’ दर्शकों के लिए एक अनोखा सिनेमाई अनुभव बनने की ओर अग्रसर है।