गुजरात हाईकोर्ट: 64 वर्षीय व्यक्ति और 22 वर्षीय व्यक्ति के बीच संबंध स्वैच्छिक थे: गुजरात हाईकोर्ट ने धारा 377 आईपीसी मामले में जमानत दी

गुजरात हाईकोर्ट ने 22 वर्षीय युवक को जमानत दी है, जिसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत 64 वर्षीय व्यक्ति

गुजरात हाईकोर्ट

Table of Contents

गुजरात हाईकोर्ट ने 22 वर्षीय युवक को जमानत दी है, जिसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत 64 वर्षीय व्यक्ति की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने पाया कि दोनों के बीच संबंध स्वैच्छिक थे। याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता की वित्तीय कठिनाइयों में 10 लाख रुपये की मदद की थी और बाद में धनवापसी की मांग की थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने प्रतिशोध स्वरूप आरोप लगाए।

गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट: आयु के अंतर पर याचिकाकर्ता का तर्क

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि उम्र के बड़े अंतर के कारण शिकायतकर्ता, जो बहुत अधिक उम्र का था, छोटी उम्र के युवक को हेरफेर करने की स्थिति में था। इस मामले में एफआईआर में आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 386 (मृत्यु या गंभीर चोट का भय दिखाकर उगाही), और 389 (आरोप के भय से उगाही) के आरोप शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट: ‘रद्द किया जा सकने वाला’ बिक्री अनुबंध संधारण अधिकारियों के लिए बाध्यकारी है जब तक कि इसे सिविल कोर्ट द्वारा रद्द नहीं किया जाता

राजस्थान हाईकोर्ट: खेल कोटा शस्त्र लाइसेंस आवेदन के लिए पारिवारिक आपराधिक इतिहास अप्रासंगिक

न्यायमूर्ति हसमुख डी. सुथार की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का उल्लेख किया, जो नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत संघ मामले में हुआ था, जिसमें स्वैच्छिक समलैंगिक संबंधों को अपराधमुक्त किया गया था। न्यायालय ने कहा, “प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के बीच एक स्वैच्छिक संबंध चल रहा था।

वर्तमान याचिकाकर्ता केवल 22 वर्ष का है और उसका कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। जहां तक आईपीसी की धारा 377 का सवाल है, इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत संघ (2018 (10) एससीसी 1) के मामले में अपराधमुक्त कर दिया गया था।”

अधिवक्ताओं की उपस्थिति
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता स्नेह आर. पुरोहित और प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अस्मिता पटेल पेश हुए।

गुजरात हाईकोर्ट: जमानत के लिए विचार किए गए कारक

अदालत ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और याचिकाकर्ता के फरार होने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का कोई खतरा नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि जमानत देने के समय कई कारकों पर विचार किया जाना चाहिए, जिसमें आरोप की प्रकृति, सजा की गंभीरता और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना शामिल है।

इन विचारों के मद्देनज़र, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि यह मामला जमानत का हकदार है। अदालत ने कहा, “मामले की परिस्थितियों को देखते हुए और प्राथमिकी में याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, बिना साक्ष्यों का विस्तृत विवरण दिए, प्रथम दृष्ट्या, इस न्यायालय की राय है कि यह नियमित जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला है।”

धारा 386 के तहत आरोपों के संबंध में, अदालत ने यह नोट किया कि याचिकाकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता को किसी गंभीर नुकसान पहुंचाने या धन उगाही करने का कोई सबूत नहीं है। अदालत ने जोर दिया कि जमानत आदेश में की गई उसकी टिप्पणियां प्रारंभिक हैं और ट्रायल कोर्ट के साक्ष्य संबंधी निर्णयों को प्रभावित नहीं करेंगी।

Headlines Live News

मामला शीर्षक और उपस्थिति
मामला शीर्षक: देव जिग्नेशभाई बुद्धदेव बनाम गुजरात राज्य
उपस्थिति: याचिकाकर्ता: अधिवक्ता स्नेह आर. पुरोहित, विशाल डी. दवड़ा

गुजरात हाईकोर्ट: समलैंगिक संबंधों को लेकर फिर चर्चा में आया मामला

इस मामले ने भारतीय समाज में स्वैच्छिक समलैंगिक संबंधों के मुद्दे को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। अदालत का यह फैसला महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल नवतेज सिंह जौहर के फैसले के प्रति अदालतों की प्रतिबद्धता को दोहराता है, बल्कि इस प्रकार के मामलों में तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को भी इंगित करता है।

इस मामले में, जहां शिकायतकर्ता ने प्रतिशोध की भावना से आरोप लगाए, अदालत ने इस तथ्य पर विचार किया कि याचिकाकर्ता ने स्वयं कभी भी शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई गलत कदम नहीं उठाया था। इसके अलावा, शिकायतकर्ता की वित्तीय सहायता के रूप में याचिकाकर्ता द्वारा दी गई 10 लाख रुपये की राशि भी अदालत की दृष्टि में एक महत्वपूर्ण पहलू थी। अदालत ने इसे शिकायतकर्ता द्वारा याचिकाकर्ता के साथ किए गए संबंध का एक प्रत्यक्ष प्रमाण माना, जिसमें शिकायतकर्ता ने बाद में प्रतिशोध का सहारा लिया।

Headlines Live News

गुजरात हाईकोर्ट: स्वतंत्रता और अधिकारों का सम्मान आवश्यक

इस प्रकार के मामलों में, अदालत ने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों की स्वतंत्रता और अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। इस मामले में याचिकाकर्ता की आयु भी एक महत्वपूर्ण कारक थी, क्योंकि एक 22 वर्षीय युवक के खिलाफ इतने बड़े उम्र के व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्षता पर संदेह था।

अंत में, यह मामला दिखाता है कि अदालतें अब उन मामलों में भी अपने तर्कसंगत दृष्टिकोण को बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं, जो सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से संवेदनशील हो सकते हैं।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

खबर यहाँ समाप्त हुई

23
Headlines Live News Reader Poll

हेडलाइन्स लाइव न्यूज की खबर आपको कैसी लगी बताए ?

Facebook
WhatsApp
Twitter
Threads
Telegram

Leave a comment

अगली नई खबर शुरू यहाँ पढ़ें ...

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना