VICTORIA POLICE खाली हाथ: ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर एक बार फिर हमला हुआ है।
यह घटना 10 अप्रैल 2025 की रात की बताई जा रही है, जब अज्ञात हमलावरों ने भारत के महावाणिज्य दूतावास की दीवारों और नेम प्लेट पर रंग पोतने की कोशिश की। हमले के बाद स्थानीय विक्टोरिया पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी, लेकिन अब तक किसी हमलावर की पहचान नहीं हो सकी है, न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। यह घटना भारत के विदेश प्रतिष्ठानों को बार-बार निशाना बनाए जाने की श्रृंखला में एक और कड़ी बन गई है।
VICTORIA POLICE खाली हाथ: दूतावास को बनाया गया निशाना
भारतीय वाणिज्य दूतावास, जो कि मेलबर्न के 344 सेंट किल्डा रोड पर स्थित है, उसके मुख्य प्रवेश द्वार को इस बार निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावरों ने देर रात लगभग 1 बजे दीवारों और बोर्ड्स पर रंग पोते। घटना की जानकारी मिलने पर विक्टोरिया पुलिस के अधिकारी सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की तफ्तीश शुरू की।
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पुलिस ने शुरू की जांच अपील की सूचना देने की
विक्टोरिया पुलिस ने आधिकारिक बयान में कहा कि घटना 9 और 10 अप्रैल की रात के बीच हुई और इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से संपत्ति को नुकसान पहुंचाना था। फिलहाल नुकसान का मूल्यांकन किया जा रहा है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अगर किसी ने इस घटना से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि देखी हो या उनके पास कोई फुटेज या जानकारी हो, तो वह क्राइम स्टॉपर्स के नंबर 1800 333 000 पर या www.crimestoppersvic.com.au वेबसाइट पर गुप्त रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
समुदाय में डर और आक्रोश
स्थानीय भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय इस घटना से स्तब्ध है। उनका कहना है कि यह महज एक दीवार पर रंग फेंकने की घटना नहीं, बल्कि यह पूरे समुदाय को डराने की कोशिश है। एक महिला प्रवासी नेता ने कहा, “हम लगातार देख रहे हैं कि भारत से जुड़े धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों को ऑस्ट्रेलिया में बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। यह सिलसिला बहुत चिंताजनक है और इससे सामाजिक एकता पर असर पड़ सकता है।”
खालिस्तानी तत्वों की संलिप्तता की आशंका
हाल के वर्षों में मेलबर्न और अन्य ऑस्ट्रेलियाई शहरों में भारत विरोधी गतिविधियों की संख्या बढ़ी है। पिछले हमलों की जांच में खालिस्तानी समर्थकों की संलिप्तता की बात सामने आई थी, जो पाकिस्तान समर्थित माने जाते हैं। इस ताजा हमले के पीछे भी ऐसे ही तत्वों की भूमिका होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
हमले के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, प्रवासी भारतीय सूत्रों का कहना है कि इस मामले को कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष गंभीरता से उठाया गया है। यह देखना बाकी है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस तरह की घटनाओं पर क्या ठोस कदम उठाती है।
क्या बढ़ रही है भारत विरोधी गतिविधियाँ?
मेलबर्न समेत ऑस्ट्रेलिया के अन्य हिस्सों में बीते कुछ महीनों में हिंदू मंदिरों पर भी हमले हुए हैं। दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। इन हमलों की तीव्र आलोचना की गई है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक नतीजे बहुत सीमित रहे हैं। इससे न सिर्फ भारतीय समुदाय में भय का माहौल बना हुआ है, बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए भी चुनौती है।
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ऑस्ट्रेलियाई सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस पूरी घटना पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ वह अपने देश को बहुसांस्कृतिक और सहिष्णु राष्ट्र बताती है, वहीं दूसरी ओर भारत जैसे सहयोगी देश के दूतावास पर बार-बार हो रहे हमलों पर कोई ठोस कदम न उठाना उसकी नीयत पर संदेह पैदा करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि जल्द ही कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
मेलबर्न में भारतीय दूतावास पर हमला
मेलबर्न में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुआ यह ताजा हमला भारत के विदेश प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी है। इस घटना ने न सिर्फ भारतीय समुदाय को आहत किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी ऑस्ट्रेलिया की छवि को सवालों के घेरे में डाल दिया है। जरूरत है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस पर गंभीरता से कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि भारत के राजनयिक और सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। साथ ही भारत सरकार को भी इन घटनाओं को द्विपक्षीय स्तर पर मजबूती से उठाना चाहिए ताकि प्रवासी भारतीय सुरक्षित महसूस कर सकें।