कांग्रेस सांसद RAHUL GANDHI ने हाल ही में भोपाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल पर सरेंडर कर दिया था।
ये बयान उन्होंने भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में दिया।राहुल गांधी का कहना था कि बीजेपी सरकार और पीएम मोदी हमेशा विदेशी दबाव में झुक जाते हैं। उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि बीजेपी हमेशा झुकती है और सरेंडर करती है।” राहुल गांधी ने ट्रंप और मोदी की एक तस्वीर वाला पोस्टर भी जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को झुका हुआ दिखाया गया था।
राहुल के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया। खासकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस पर कड़ा एतराज़ जताया।
बीजेपी का पलटवार: ‘सरेंडर तो आपकी पार्टी का इतिहास है’
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि RAHUL GANDHI और उनकी पार्टी यानी कांग्रेस का इतिहास ही सरेंडर से भरा हुआ है, भारत का नहीं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,
“राहुल गांधी जी, ये जान लीजिए कि आप, आपकी पार्टी और आपके खानदान के कारनामे आज़ाद हिंदुस्तान के इतिहास में सरेंडर से भरे पड़े हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसी सभ्यता है जो हज़ारों साल के आक्रमणों के बाद भी अक्षुण्ण (सुरक्षित) और मजबूत बनी हुई है। हम कभी किसी के आगे झुके नहीं और न ही सरेंडर किया।
प्रधानमंत्री की तुलना ‘भारत मां के शेर’ से
सुधांशु त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा:
“हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारत मां के शेर हैं। वह किसी के आगे नहीं झुकते। वह भारत माता के मृगेंद्र (सिंह) हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी जिस ऑपरेशन सिंदूर को “सरेंडर” बता रहे हैं, वह भारतीय सेना का शौर्य और पराक्रम है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने घुसपैठ और आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी सफल कार्रवाई की थी।
राहुल गांधी जी ये जान लीजिए कि आप, आपकी पार्टी और आपका खानदान के कारनामें आजाद हिंदुस्तान के कैलेंडरों में सरेंडर से भरे पड़े हैं।
— BJP LIVE (@BJPLive) June 4, 2025
राहुल गांधी जी, सरेंडर कांग्रेस ने किया होगा, मगर भारत किसी के सामने सरेंडर नहीं हो सकता।
हम विश्व की एक मात्र ऐसी सभ्यता हैं जो हजारों सालों के… pic.twitter.com/qohFUDE1b6
कांग्रेस का ‘सरेंडर’ इतिहास
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास कई ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है जहां देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया। सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र किया:
- 1962 का भारत-चीन युद्ध:
भारत को इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस सरकार चीन के सामने बेबस नजर आई। - 1947 में कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र ले जाना:
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने कश्मीर का मसला यूएन ले जाकर एक अंतरराष्ट्रीय विवाद बना दिया। - 1971 के युद्ध के बाद 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई:
युद्ध जीतने के बाद भी इंदिरा गांधी सरकार ने बिना शर्त 90,000 सैनिकों को पाकिस्तान को लौटा दिया। - 1989 में आतंकियों के बदले रिहाई:
जब कांग्रेस समर्थित सरकार थी, उस समय आतंकवादियों को रिहा कर दिया गया था।
इन सभी घटनाओं को सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस का ‘सरेंडर इतिहास’ बताया।
राहुल गांधी की मानसिकता को बताया ‘रोगी’
बीजेपी प्रवक्ता ने राहुल गांधी की सोच पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा:
“राहुल गांधी की मानसिकता अब इतनी रोगी (बीमार) और खतरनाक हो चुकी है कि वह भारतीय सेना की बहादुरी की तुलना सरेंडर से कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सेना ने खुद विस्तार से बताया है कि कैसे उन्होंने रणनीतिक तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसे सरेंडर कहना देश और सेना का अपमान है।
कांग्रेस का पलटवार?
अब तक इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस पहले भी कह चुकी है कि वह मोदी सरकार की विदेश नीति और अमेरिका के प्रति रवैये को लेकर सवाल उठाती रही है।
कांग्रेस का मानना है कि सरकार को राष्ट्रवाद की आड़ में जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए, और विपक्ष का काम है सरकार से जवाब मांगना।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर एक गोपनीय सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय सेना ने दुश्मन के खिलाफ एक असाधारण साहसिक मिशन पूरा किया। हालांकि इसकी अधिक जानकारी गोपनीय रखी गई है, लेकिन सरकार और सेना के अधिकारी इसे एक सफल ऑपरेशन बता चुके हैं।
राहुल गांधी ने इस ऑपरेशन को विदेशी दबाव में लिया गया कदम बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी ने अमेरिकी दबाव में सेना का उपयोग किया।
राजनीति में बढ़ी तल्खी
राहुल गांधी और बीजेपी के बीच यह तकरार दिखाता है कि भारत में विदेश नीति और सैन्य ऑपरेशनों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी किस हद तक पहुंच चुकी है। जहां एक तरफ बीजेपी राहुल गांधी पर देशद्रोह की मानसिकता रखने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस इसे जनतंत्र में सवाल पूछने का हक बता रही है।
अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में कांग्रेस इस मुद्दे को और कितना आगे ले जाती है और क्या राहुल गांधी इस बयान पर सफाई देते हैं या बीजेपी का जवाब देती है।