SUPREME COURT: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) और विभिन्न राज्य सूचना आयोगों (SICs) में खाली पदों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में देरी को लेकर निर्देश जारी किए, जो सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि सूचना आयोगों में नियुक्तियों की प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है, ताकि RTI अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
SUPREME COURT: पिछले कदम और मौजूदा स्थिति
यह निर्देश RTI कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य द्वारा दायर सार्वजनिक हित याचिका (PIL) के संबंध में सुनाए गए। याचिकाकर्ताओं के वकील अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को नवंबर 11 को प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट के आधार पर सूचित किया कि कई आयोगों में बड़े पैमाने पर पद खाली हैं।
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कोर्ट ने 26 नवंबर को सुनवाई के दौरान यह पाया कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में आठ पद खाली हैं, जबकि केवल तीन सूचना आयुक्त ही सेवा में हैं। इस स्थिति को गंभीर बताते हुए, कोर्ट ने इन खाली पदों को शीघ्र भरने के लिए तात्कालिक कदम उठाने का निर्देश दिया।
SUPREME COURT: राज्य सूचना आयोगों में स्थिति
कोर्ट ने विभिन्न राज्य सूचना आयोगों (SICs) में भी खाली पदों को लेकर गंभीर टिप्पणियां की। कुछ प्रमुख राज्यों में खाली पदों की स्थिति निम्नलिखित है:
- महाराष्ट्र: 7 खाली पद
- कर्नाटका: 8 खाली पद
- छत्तीसगढ़: 2 खाली पद
- बिहार: 1 खाली पद
- पश्चिम बंगाल: 4 खाली पद
- ओडिशा: 5 खाली पद
- तमिलनाडु: 2 खाली पद
इसके अलावा, झारखंड, तेलंगाना और त्रिपुरा में राज्य सूचना आयोग लंबे समय से निष्क्रिय हैं, क्योंकि इन राज्यों में कोई नियुक्तियां नहीं की गई हैं। इससे आयोगों की कार्यक्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है और RTI के तहत सूचनाओं की उपलब्धता बाधित होती है।
SUPREME COURT: कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों को निर्देश दिया कि वे दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें, जिसमें नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने और उसे पूरा करने के लिए समयसीमा का उल्लेख हो। विशेष रूप से झारखंड में, जहां नियुक्तियां नहीं की गई हैं, कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे और अनुपालन में एक शपथपत्र दाखिल किया जाए।
कोर्ट ने तेलंगाना और त्रिपुरा से भी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है, जिसमें नियुक्तियों की प्रक्रिया की प्रगति और समयसीमा का विवरण हो। इसके अलावा, सभी राज्यों को यह जानकारी देने के लिए कहा गया कि उनके राज्य में कुल कितने सूचना आयुक्तों के पद स्वीकृत हैं, कितने पद खाली हैं और इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया कब तक शुरू की जाएगी।
कोर्ट ने अंतिम सुनवाई की तारीख 17 दिसंबर, 2024 निर्धारित की है। इस दौरान सभी राज्यों को अपने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने होंगे। इस आदेश के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी राज्यों में सूचना आयोगों में नियुक्तियों की प्रक्रिया समय पर पूरी हो और RTI अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन हो सके।
अंजलि भारद्वाज एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य
SUPREME COURT: प्रस्तुतिकरण
- याचिकाकर्ता: अधिवक्ता प्रशांत भूषण, राहुल गुप्ता, तिशाम्पति सेन, रिद्धि संचेती, अनुराग आनंद, मुकुल कुलहरी
- प्रतिवादी: अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ब्रिजेंद्र चाहर, वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी, अधिवक्ता अरविंद कुमार शर्मा, श्रीकांत नीलप्पा टेर्दल, पल्लवी लंगर, माधुमिता भट्टाचार्य, जी. एन. रेड्डी, आदित्य अनिरुद्ध पांडे, निशे राजेन शोकर, गौरव खन्ना, वी एन राघुपति, देविना सेहगल, पुखरामबम रमेश कुमार, राजेश रंजन, आस्था सिंह, राजन क्र चौधरी, अमित शर्मा, वैशाली वर्मा, प्रज्ञा बघेल, सुजीत कुमार चौधरी, देबारती सदु, श्रीजा चौधरी, आनंद, भारत बगला, सिद्धार्थ धर्माधिकारी, अनु के जॉय, अलीम अनवर, नताशा साहवाट, गौतम बर्नवाल, दीपाली भनोत, रुद्राक्ष पांडे, अलीशा रॉय, विश्वनाथ पी अलन्नवर, मिथिली एस, यथार्थ कंसल, करुण शर्मा, राजकुमारी दिव्यसना, इंद्रजीत प्रसाद।
Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi