गुवाहाटी हाईकोर्ट: कानूनी रूप से विवाहित पति और बालिग पत्नी के बीच जबरन यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बलात्कार के मामले में पति को बरी करते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पति

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गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बलात्कार के मामले में पति को बरी करते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पति और बालिग पत्नी के बीच जबरन यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता। कोर्ट अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) के फैसले और आदेश के खिलाफ एक आपराधिक अपील की सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोपी/अपीलकर्ता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत दोषी ठहराया गया था।

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गुवाहाटी हाईकोर्ट: अदालत की टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति मलास्री नंदी की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा, “…अपीलकर्ता और पीड़िता कानूनी रूप से पति-पत्नी हैं और पीड़िता बालिग है, ऐसे में यदि उनके बीच जबरन यौन संबंध बनता है, तो उसे बलात्कार नहीं माना जा सकता।” यह निर्णय कोर्ट के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस प्रकार के मामले में पति-पत्नी के बीच संबंधों की कानूनी स्थिति और उनकी निजी स्वतंत्रता के मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करता है।

इस मामले में अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता ए.एन. अहमद ने पैरवी की थी।

इस मामले की शुरुआत एक एफआईआर के दर्ज होने से हुई थी, जिसमें सूचना देने वाले ने अपनी बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के बाद पता चला कि अपीलकर्ता ने पीड़िता का अपहरण किया है। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और पीड़िता को अपीलकर्ता के घर से बरामद किया।

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इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 366, 342, 376 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया। अपीलकर्ता पर आईपीसी की धारा 366, 343 और 376 के तहत आरोप लगाए गए थे, जिन्हें उसने नकार दिया।

गुवाहाटी हाईकोर्ट: अदालत द्वारा की गई कानूनी विवेचना

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने सात गवाह पेश किए, जिनके बयान और सबूतों के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने अपीलकर्ता को दोषी ठहराया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस मामले पर पुनर्विचार किया और अपने विश्लेषण में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखा।

कोर्ट ने वहीद खान बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2010 (68) एसीसी 266) मामले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि, “बलात्कार एक अपराध है, न कि चिकित्सा स्थिति। बलात्कार एक कानूनी शब्द है, न कि पीड़िता का इलाज करने वाले चिकित्सक द्वारा किया गया निदान। चिकित्सा अधिकारी केवल यह बयान दे सकता है कि क्या हाल ही में यौन गतिविधि का सबूत है। बलात्कार हुआ है या नहीं, यह एक कानूनी निष्कर्ष है, चिकित्सा का नहीं।”

इस संदर्भ में, कोर्ट ने कहा कि यह अदालत का कर्तव्य है कि वह सबूतों के आधार पर यह निर्णय करे कि क्या आरोपी द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया था या नहीं। कोर्ट ने यह भी कहा कि शारीरिक हमले को बलात्कार के रूप में माने जाने के लिए कानून के तहत साक्ष्यों का गहन विश्लेषण जरूरी है।

गुवाहाटी हाईकोर्ट: बलात्कार के आरोप पर अदालत की राय

अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या पीड़िता का अपहरण या अगवा इस इरादे से किया गया था कि उसे किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर किया जाए या उसे अवैध संबंध बनाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा, यह भी देखा गया कि पीड़िता पर किया गया शारीरिक हमला आईपीसी की धारा 375 के अंतर्गत आता है या नहीं। इन सभी तथ्यों का गहन विश्लेषण करते हुए कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी द्वारा किए गए कथित कृत्यों को बलात्कार के रूप में मानना उचित नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा 15 वर्ष से अधिक आयु की पत्नी के साथ जबरन और बिना सहमति के यौन संबंध बनाना बलात्कार की परिभाषा से बाहर है। भारतीय कानून के अनुसार, कानूनी रूप से विवाहित पति-पत्नी के बीच यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जाता, जब तक कि पत्नी की उम्र 15 वर्ष से अधिक हो। हालांकि, इस मुद्दे पर समाज में विभिन्न प्रकार की राय है और इसे लेकर बहस भी जारी है, लेकिन वर्तमान कानून के अनुसार यह स्थिति स्पष्ट है।

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गुवाहाटी हाईकोर्ट: ट्रायल कोर्ट का निर्णय और उच्च न्यायालय का पुनरावलोकन

ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अपीलकर्ता को दोषी ठहराया था। हालांकि, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इस निर्णय को रद्द करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी तथ्यों और सबूतों का सही ढंग से मूल्यांकन नहीं किया। उच्च न्यायालय ने यह पाया कि ट्रायल कोर्ट का फैसला साक्ष्यों के अभाव और तथ्यों के गहन विश्लेषण के बिना दिया गया था।

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उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए, क्योंकि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहा है। इसके अनुसार, कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के विवादित फैसले और आदेश को रद्द कर दिया और अपीलकर्ता को बरी कर दिया।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अंततः इस मामले में अपीलकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक सभी साक्ष्य स्पष्ट रूप से बलात्कार को साबित नहीं करते, तब तक किसी व्यक्ति को दोषी ठहराना न्यायसंगत नहीं है। इस प्रकार, कोर्ट ने आपराधिक अपील को मंजूरी दे दी।

गुवाहाटी हाईकोर्ट: कानूनी पहलुओं पर चर्चा

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इस मामले में कोर्ट ने कई कानूनी मुद्दों पर विचार किया, जिनमें पति-पत्नी के बीच संबंधों की कानूनी स्थिति, जबरन यौन संबंध की परिभाषा, और अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों की सटीकता शामिल हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि बलात्कार एक कानूनी निष्कर्ष है और इसे केवल चिकित्सा अधिकारी के बयान के आधार पर तय नहीं किया जा सकता।

इस निर्णय ने यह स्पष्ट किया कि कानूनी रूप से विवाहित पति-पत्नी के बीच होने वाले यौन संबंधों को बलात्कार के रूप में मानने के लिए कानून में स्पष्ट प्रावधान की आवश्यकता है। इस फैसले ने समाज में इस मुद्दे पर चर्चा को बढ़ावा दिया है और यह सवाल खड़ा किया है कि क्या मौजूदा कानूनों में बदलाव की आवश्यकता है।

गुवाहाटी हाईकोर्ट: मामला शीर्षक

फरीद अली बनाम असम राज्य (न्यूट्रल सिटेशन: GAHC010219952023)

इस मामले में अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता ए.एन. अहमद ने पैरवी की, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील ने पैरवी की।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय का यह फैसला कानूनी दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसने पति-पत्नी के बीच होने वाले यौन संबंधों की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है। यह निर्णय समाज में इस मुद्दे पर गहन चर्चा की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है और यह सवाल खड़ा करता है कि क्या कानून में संशोधन कर इस प्रकार के मामलों में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है।

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Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना