दिल्ली बेबी केयर हॉस्पिटल अग्निकांड: दिल्ली के विवेक विहार इलाके में स्थित बेबी केयर हॉस्पिटल में भीषण आग लगने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। इस घटना ने राजधानी को झकझोर कर रख दिया है। आग लगने के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है, मालिक घटना के बाद फरार हो गया था।
दिल्ली बेबी केयर हॉस्पिटल अग्निकांड: आग की घटना और बचाव कार्य
दिल्ली बेबी केयर हॉस्पिटल अग्निकांड: आग लगने की यह घटना शनिवार रात की है जब अधिकांश बच्चे अपने वार्ड में सो रहे थे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बचाव दल को मौके पर पहुंचने में काफी मुश्किलें आईं।
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दमकल विभाग ने बताया कि उन्हें आग बुझाने और बच्चों को निकालने में कई घंटे लग गए। अस्पताल में सुरक्षा मानकों की कमी की वजह से आग ने जल्दी ही विकराल रूप धारण कर लिया।
अस्पताल का मालिक गिरफ्तार : दिल्ली बेबी केयर हॉस्पिटल अग्निकांड
दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे और आग लगने के समय वहां मौजूद स्टाफ की कमी भी बड़ी समस्या बनी। फरार होने के बाद पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने की वजह से 6 नवजातों की मौत हुई है इस मामले में पुलिस ने बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन को गिरफ्तार किया है. शनिवार को देर शाम बेबी केयर सेंटर में आग लगी थी. तभी से पुलिस लगातार सेंटर के मालिक को तलाश कर रही थी. पुलिस फिलहाल आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.
दिल्ली बेबी केयर हॉस्पिटल अग्निकांड: मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “दिल्ली बहुत दर्द में है, दिल्ली बहुत परेशानी में है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को दर्द और आंसुओं का पहाड़ बना दिया है। हाहाकार मचा हुआ है, इसका जिम्मेदार कौन है?” तिवारी ने दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू की संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली के विवेक विहार के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता एवं परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें। मैं इस घटना में घायल हुए अन्य बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इन घटनाओं के बीच दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं की तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली सरकार को इस मामले में जवाबदेही स्वीकार करनी होगी और सुधार के ठोस कदम उठाने होंगे। इस घटना के बाद से दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी सुरक्षा मानकों की जांच शुरू हो गई है।
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स्थानीय प्रशासन की भूमिका
विवेक विहार के इस अग्निकांड के बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। आग लगने के बाद प्रशासन की कार्रवाई में देरी और अस्पताल के सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी महंगी पड़ सकती है।
भविष्य की तैयारियाँ
इस घटना के बाद यह आवश्यक हो गया है कि दिल्ली और अन्य महानगरों में सभी अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा मानकों की नियमित जांच की जाए। सरकार और स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और अगर हों भी तो उनकी प्रतिक्रिया तेजी से हो सके।
दिल्ली के बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की इस दुखद घटना ने एक बार फिर सुरक्षा मानकों की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। इससे सबक लेते हुए संबंधित अधिकारियों को अब सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।