CULCUTTA HC: नई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका

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By headlineslivenews.com

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CULCUTTA HC: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता के माता-पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने मामले की नए सिरे से जांच की मांग की है और इस बार जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पक्षकार बनाए जाने की मांग की है।

CULCUTTA HC

पीड़िता के माता-पिता की ओर से वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई के तरीके पर उनका विश्वास नहीं है, और वे चाहते हैं कि मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की जाए।

CULCUTTA HC: नए सिरे से जांच की मांग

यह याचिका न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। न्यायमूर्ति घोष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि सीबीआई को इस मामले में पक्ष बनाया जाए।

पीड़िता के माता-पिता का आरोप है कि सीबीआई ने मामले की जांच में पर्याप्त गंभीरता नहीं दिखाई है, और इसलिए वे चाहते हैं कि मामले की नए सिरे से जांच की जाए। उनका कहना है कि सीबीआई ने इस मामले में पर्याप्त पहल नहीं की और प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच की आवश्यकता है।

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पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाया है, विशेष रूप से यह आरोप लगाया कि सीबीआई ने मामले में उनके विश्वास को नहीं जीता। उनके अनुसार, सीबीआई ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और आरोपियों को बचाने का प्रयास किया। इस स्थिति में, उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि सीबीआई की जांच को फिर से देखा जाए और किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए।

CULCUTTA HC: कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश

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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अगस्त महीने में सीबीआई को मामले की प्राथमिकता के आधार पर जांच करने का आदेश दिया था, और इसे गंभीरता से लेने के लिए कहा था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ भी जांच करनी चाहिए, जिन्होंने पीड़िता को दोषी ठहराने का प्रयास किया था।

सीबीआई ने 2 सितंबर को डॉ. संदीप घोष को गिरफ्तार किया था, क्योंकि उन्हें आरोपित किया गया था कि उन्होंने मामले से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं और महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी।

हालांकि, कोलकाता की एक अदालत ने 13 दिसंबर को उन्हें जमानत दे दी, क्योंकि सीबीआई आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही थी। सीबीआई ने निर्धारित 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं किया, जिसके कारण अदालत ने उन्हें जमानत देने का आदेश दिया।

CULCUTTA HC: हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई

अब, मामले की आगामी सुनवाई 24 दिसंबर को होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि क्या सीबीआई को मामले की जांच में फिर से कोई नया कदम उठाने की आवश्यकता है। इस मामले की गहनता को देखते हुए, यह माना जा रहा है कि अदालत मामले की सही तरीके से जांच के लिए जरूरी निर्देश दे सकती है।

CULCUTTA HC: नई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका
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