भोले बाबा की गिरफ़्तारी: भोले बाबा की गिरफ़्तारी कब होगी : हाथरस (यूपी): उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई, धूल के लिए मची भगदड़ के कारण भड़की थी। बताया जा रहा है की भगदड़ का कारण बाबा के पैर की धूल को उठाना या इकठ्ठा करना था ओर जिस कार मे बाबा हरी नारायण जो की अपने आप मे स्वयंभू का दर्जा यानि भोले बाबा पुकारे जाते है ।
भोले बाबा की गिरफ़्तारी: उनकी कार से उड़ती धूल को इकठ्ठा करने की होड मे बाबा की कार की ओर दोडे जिसमे पुरुष , महिलाए ओर बच्चे एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े ओर कुचले गए तो वहाँ मोजूद बाबा के सुरक्षा कर्मी या यू कहें सेवादारों ने उन्हे लठियाँ दिखाकर धक्का देना शुरू किया तभी वहाँ पर भगदड़ मच गई । इस पूरी भगदड़ की सुरक्षा पर नजर डाले तो आयोजकों की ढिलाई और अपर्याप्त पुलिस बल ने इस त्रासदी में योगदान दिया।
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भोले बाबा की गिरफ़्तारी: सत्संग मे हुई भगदड़ के स्वयंभू संत सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि है, जिनके अनुयायी उन्हें भोले बाबा कहते थे। एफआईआर के मुताबिक, ‘सत्संग’ के आयोजकों ने 80,000 लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत मांगी थी, लेकिन 2.5 लाख से ज्यादा की भीड़ उमड़ पड़ी।
सभा के बाद, जब 'भगवान' भोले बाबा जा रहे थे, तो उनके अनुयायियों के बीच उनकी कार के टायरों से उड़ी धूल को इकट्ठा करने की होड़ मच गई। उपविभागीय मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार, 'गॉडमैन' निजी सुरक्षा गार्डों ने उनके अनुयायियों को धक्का देना शुरू कर दिया और कुछ लोग गिर गए और कुचले गए। अफरा-तफरी में कई अन्य लोग खुले मैदान की ओर भाग गए और फिसल गए तथा अन्य लोग उनके ऊपर से गुजर गए। भगदड़ में मरने वालों में कई महिलाएं और बच्चे हैं।
भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई है और 28 लोग अस्पताल में हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि राज्य पुलिस इसकी तह तक जाएगी, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गौरतलब है कि 'भगवान' भोले बाबा नारायण साकार हरी को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है और वह अब लापता हैं। प्राथमिकी में उनके सहयोगी और कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर और अन्य अज्ञात आरोपियों का नाम है।
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पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उन मानवीय त्रुटियों की पहचान करने की जरूरत है जो उनकी त्रासदी का कारण बनीं और भविष्य के लिए सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "गहन जांच और कार्रवाई से ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकती है।"
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यह पूछे जाने पर कि क्या स्वयंभू बाबा को गिरफ्तार किया जा सकता है, राज्य पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने कल कहा, "फिलहाल, सब कुछ जांच का विषय है। हम कोई तत्काल निष्कर्ष निकालकर जांच को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं। जांच का दायरा है।" जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।''
भोले बाबा की गिरफ़्तारी: क्या इन सवालों पर जांच ओर पूछताछ होगी ?
- क्या जांच मे कमेटी मे शामिल 80 लोगों से पूछताछ ओर गिरफ़्तारी होगी ?
- क्या घटना स्थल पर मोजूद सेवादारों से पूछताछ ओर गिरफ़्तारी होगी ?
- क्या घटना स्थल मृतकों के पहने हुए सोने चांदी के नुकसान पर जांच ओर पूछताछ होगी ?
- क्या मृतकों के मुआवजे की भरपाई भोले बाबा देंगे या नहीं इसकी जांच ओर पूछताछ होगी ?
- क्या भोले बाबा अपने अनुयायियों से माफी मांगने ओर लापरवाही की जिम्मेदारी लेंगे ?
- क्या उत्तर प्रदेश सरकार इतने बड़े आयोजन की पर्मिशन पर माफी मांगेगी ?
- क्या उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से सुरक्षा देने असमर्थ रही माफी मांगेगी ?
- क्या यातायात पुलिस भी असमर्थ होने की माफी मांगेगी ?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1 लाख से ज्यादा की भीड़ को इकट्ठा करके धार्मिक आयोजन करने के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश होते हैं:
1. आयोजन की अनुमति:
- अनुमति लेना: किसी भी बड़े धार्मिक आयोजन के लिए संबंधित जिला प्रशासन से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए आवेदन में आयोजन की तिथि, स्थान, समय, अनुमानित भीड़ की संख्या आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
- नोडल अधिकारी की नियुक्ति: आयोजन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाता है जो कि संपूर्ण आयोजन के संचालन का निरीक्षण करेगा।
2. सुरक्षा और व्यवस्था:
- पुलिस व्यवस्था: जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाती है ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों की भी आवश्यकता पड़ने पर तैनाती की जाती है।
- सुरक्षा योजना: सुरक्षा योजना के तहत मुख्य और उप गेट, प्रवेश और निकास मार्ग, पार्किंग स्थल आदि की व्यवस्था की जाती है। सीसीटीवी कैमरों की तैनाती और पुलिस कंट्रोल रूम की स्थापना भी की जाती है।
3. स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाएं:
- एम्बुलेंस और मेडिकल टीम: आयोजन स्थल पर एम्बुलेंस, डॉक्टरों की टीम, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र आदि की व्यवस्था की जाती है।
- अस्पतालों की तैयारी: पास के अस्पतालों को सतर्क कर दिया जाता है और आवश्यक बेड आरक्षित रखे जाते हैं।
4. यातायात व्यवस्था:
- पार्किंग व्यवस्था: आयोजन स्थल के पास उचित पार्किंग स्थल की व्यवस्था की जाती है ताकि यातायात में बाधा न आए।
- यातायात नियंत्रण: यातायात को नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस की तैनाती की जाती है और मार्ग निर्देशिका लगाई जाती हैं।
5. सफाई और स्वच्छता:
- स्वच्छता अभियान: आयोजन के दौरान और बाद में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सफाई कर्मियों की तैनाती की जाती है।
- कचरा प्रबंधन: कचरा प्रबंधन के लिए उचित डस्टबिन और कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
6. विद्युत और पानी की व्यवस्था:
- विद्युत आपूर्ति: आयोजन स्थल पर निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अतिरिक्त जेनरेटर की व्यवस्था की जाती है।
- पेयजल व्यवस्था: पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है और स्वच्छता के लिए शौचालयों का निर्माण या अस्थाई शौचालय की व्यवस्था की जाती है।
7. अग्नि सुरक्षा:
- फायर ब्रिगेड: आयोजन स्थल पर फायर ब्रिगेड की तैनाती की जाती है।
- अग्निशमन यंत्र: अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था की जाती है और इनका सही ढंग से संचालन सुनिश्चित किया जाता है।
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8. सामाजिक दूरी और कोविड-19 प्रोटोकॉल:
- कोविड-19 दिशानिर्देश: यदि कोविड-19 महामारी के दौरान आयोजन हो रहा है, तो मास्क पहनना, सैनिटाइजर का उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाता है।
- टीकाकरण: आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रतिभागी टीकाकृत हों और किसी भी कोविड-19 लक्षण वाले व्यक्ति को आयोजन में प्रवेश न करने दिया जाए।
इन दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है ताकि आयोजन सुचारू रूप से और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।