SUPREME COURT: यति नरसिंहानंद की धर्म संसद पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका”

SUPREME COURT: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारत में घृणास्पद भाषणों के मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करने वाली याचिकाओं

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SUPREME COURT: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारत में घृणास्पद भाषणों के मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। इस क्रम में, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रस्तावित यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित धर्म संसद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए पूर्व नौकरशाहों और नागरिक समाज के सदस्यों के एक समूह ने न्यायालय का रुख किया।

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याचिकाकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया कि वह इस आयोजन को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है।

SUPREME COURT: याचिका का विवरण

इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के समक्ष प्रस्तुत किया। याचिका में आरोप लगाया गया कि यह प्रस्तावित धर्म संसद, जो इस सप्ताह आयोजित की जानी है, शीर्ष अदालत के 2022 के उन निर्देशों का उल्लंघन करती है, जिनमें घृणा फैलाने वाले भाषणों के मामलों में सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई थी।

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2022 के निर्देशों के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि घृणास्पद भाषण देने वालों के खिलाफ बिना उनके धर्म को देखे कार्रवाई की जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस इन निर्देशों का पालन करने में विफल रही है और इस प्रकार घृणास्पद भाषणों को रोकने के लिए अदालत के आदेशों की अवमानना हो रही है।

SUPREME COURT: यति नरसिंहानंद और धर्म संसद

यति नरसिंहानंद पर अतीत में भी मुसलमानों के खिलाफ बार-बार भड़काऊ और घृणास्पद भाषण देने का आरोप लगा है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि इस धर्म संसद के लिए बनाए गए विज्ञापनों और वेबसाइट पर इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ आपत्तिजनक और सांप्रदायिक बयान दर्ज हैं, जो स्पष्ट रूप से समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा को उकसाते हैं।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अपील की कि वह इस धर्म संसद के आयोजन को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करे। याचिका में कहा गया है:
“इस संसद की वेबसाइट और विज्ञापनों में इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ कई सांप्रदायिक बयान हैं, जो हिंसा भड़काने का स्पष्ट प्रयास करते हैं।”

याचिकाकर्ताओं में प्रमुख नागरिक समाज के सदस्य और पूर्व नौकरशाह शामिल हैं। इनमें अरुणा रॉय, अशोक कुमार शर्मा, देब मुखर्जी, नवरेखा शर्मा, सैयदा हमीद, और विजयन एमजे जैसे कार्यकर्ता और सेवानिवृत्त अधिकारी प्रमुख हैं। उन्होंने यति नरसिंहानंद और इस धर्म संसद को भारत में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाला करार दिया और इसे तुरंत रोकने की मांग की।

SUPREME COURT: न्यायालय की प्रतिक्रिया

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया। इस पर शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से तत्काल आवेदन दाखिल करने को कहा, हालांकि याचिकाकर्ताओं ने पहले ही दावा किया कि उन्होंने आवेदन जमा कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में घृणास्पद भाषणों के मामलों में सख्ती बरतने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना अदालत की जिम्मेदारी है कि किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के खिलाफ हिंसा और घृणा फैलाने वाले भाषणों पर रोक लगाई जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी घृणास्पद भाषणों को देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा बताया है। 2022 में शीर्ष अदालत ने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा था कि घृणास्पद भाषण समाज में वैमनस्य फैलाते हैं और इन्हें किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि राज्य सरकारें ऐसी घटनाओं पर सख्त कदम उठाएं, चाहे अपराधी किसी भी धर्म या समुदाय से संबंध रखते हों।

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SUPREME COURT: याचिका में प्रमुख बिंदु

  1. यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों द्वारा आयोजित धर्म संसद का उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देना है।
  2. धर्म संसद के विज्ञापनों और वेबसाइट पर घृणा और हिंसा भड़काने वाले बयान दर्ज हैं।
  3. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजन को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।
  4. यह आयोजन सुप्रीम कोर्ट के 2022 के निर्देशों का उल्लंघन करता है।

सुप्रीम कोर्ट में यति नरसिंहानंद की धर्म संसद के खिलाफ दायर याचिका ने देश में घृणास्पद भाषणों के मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है। यह मामला न केवल न्यायपालिका बल्कि सरकार और समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शीर्ष अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या इस धर्म संसद को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं। यह फैसला भारत में घृणास्पद भाषणों के खिलाफ भविष्य की कार्रवाई के लिए एक मिसाल बन सकता है।

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Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना