UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: UPI (Unified Payments Interface) ने डिजिटल पेमेंट को बेहद आसान और तेज बना दिया है। इसके माध्यम से आप कुछ ही सेकंड्स में कहीं भी पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।
लेकिन जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी भी इसके जरिए लोगों को ठगने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। UPI फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इस वजह से हजारों लोग अपनी जिंदगीभर की कमाई गवां चुके हैं। 2024 के पहले छह महीनों में 26,000 से अधिक UPI फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए हैं, जो चिंता का विषय है।
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: साइबर ठग कैसे करते हैं फ्रॉड?
साइबर ठग कई अलग-अलग तरीकों से भोले-भाले लोगों को ठगते हैं। वे टेक्नोलॉजी और मनोवैज्ञानिक ट्रिक्स का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाते हैं। नीचे कुछ आम UPI फ्रॉड के तरीके बताए जा रहे हैं जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए:
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: फेक UPI QR कोड
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: ठग एक फर्जी QR कोड बनाते हैं, जिसे स्कैन करने पर वे यूजर को एक फेक वेबसाइट पर ले जाते हैं। वहां पर यूजर से पेमेंट करने के लिए कहा जाता है। यूजर जैसे ही उस वेबसाइट पर पेमेंट करता है, उसके बैंक खाते से पैसे चोरी हो जाते हैं। यह QR कोड अक्सर सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स या यहां तक कि ईमेल के जरिए भेजा जाता है।
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UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: फेक पेमेंट रिक्वेस्ट
इस फ्रॉड में, साइबर ठग एक फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट जनरेट करते हैं, जिसे यूजर के UPI ऐप पर भेजा जाता है। इसमें लिखा होता है कि आपको पैसे मिल रहे हैं, लेकिन असल में यह पेमेंट रिक्वेस्ट होती है और यूजर को पिन एंटर करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही यूजर अपना UPI पिन डालता है, पैसे उसके बैंक खाते से निकल जाते हैं।
AI वॉइस क्लोनिंग और डीपफेक स्कैम्स
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: साइबर ठग अब AI वॉइस क्लोनिंग और डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी से वे विक्टिम के दोस्त या रिश्तेदार की आवाज की नकल कर सकते हैं और इमरजेंसी के नाम पर पैसे मांगते हैं। यह फ्रॉड बेहद खतरनाक होता है क्योंकि इसमें यूजर आसानी से ठगा जा सकता है, खासकर जब उसे लगता है कि उसकी मदद करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति कोई नजदीकी रिश्तेदार है।
फेक पेमेंट ऐप्स और स्क्रीन रिकॉर्डिंग
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: कई संदिग्ध ऐप्स यूजर की स्क्रीन रिकॉर्ड करते हैं। ये ऐप्स बैंक लॉगिन डिटेल्स, UPI पिन, और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा लेते हैं। स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए ये ऐप्स आपके बैंक अकाउंट में घुसपैठ कर सकते हैं और आपके खाते से बड़ी राशि चोरी कर सकते हैं।
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: फेक कस्टमर केयर कॉल
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: यह एक बहुत ही कॉमन तरीका है जिसमें साइबर ठग खुद को बैंक अधिकारी या कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताकर आपको कॉल करते हैं। वे किसी समस्या के बहाने UPI पिन या OTP मांगते हैं। जैसे ही आप उन्हें ये जानकारी देते हैं, वे आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
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UPI फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी टिप्स :
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: अब जब आप इन सामान्य UPI फ्रॉड के बारे में जान चुके हैं, तो आइए जानते हैं कि कैसे आप खुद को इनसे बचा सकते हैं। नीचे कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं, जो आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे:
UPI पिन और OTP शेयर ना करें
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: आपका UPI पिन असल में आपके डेबिट कार्ड के ATM पिन की तरह होता है। इसे कभी भी किसी के साथ शेयर ना करें। बैंक या कस्टमर केयर से कोई भी प्रतिनिधि आपसे UPI पिन या OTP नहीं मांगता है। अगर कोई आपको कॉल करके ऐसी जानकारी मांगता है, तो समझ जाएं कि यह एक फ्रॉड है।
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: फेक पेमेंट रिक्वेस्ट पर ध्यान दें
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: कभी भी UPI पिन एंटर करने या पेमेंट रिक्वेस्ट पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें। अगर कोई आपसे कहता है कि पैसे प्राप्त करने के लिए आपको पिन डालने की जरूरत है, तो यह फ्रॉड हो सकता है। पैसे प्राप्त करने के लिए UPI पिन डालने की आवश्यकता नहीं होती है।
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अनजान लिंक पर क्लिक ना करें
UPI के माध्यम से डिजिटल ट्रांजेक्शन: अक्सर साइबर ठग SMS, ईमेल या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए आपको फेक पेमेंट लिंक भेजते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक करने से बचें। इन लिंक के जरिए ठग आपके बैंक अकाउंट और पर्सनल डिटेल्स को एक्सेस कर सकते हैं। हमेशा किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी वैधता की जांच करें।
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और सुरक्षा उपाय अपनाएं
अपने स्मार्टफोन को सेफ रखने के लिए हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड, फिंगरप्रिंट या फेस लॉक का उपयोग करें। इसके साथ ही अपने फोन में एंटीवायरस ऐप्स का उपयोग करें ताकि आपका डिवाइस वायरस और मैलवेयर से सुरक्षित रह सके।
फेक कस्टमर केयर नंबर से सावधान रहें
कभी भी इंटरनेट से किसी भी कस्टमर केयर नंबर पर भरोसा ना करें। हमेशा अपनी बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट से ही कस्टमर केयर का नंबर लें। इसके अलावा, किसी भी कस्टमर केयर से कॉल आने पर उनसे OTP या पिन की जानकारी मांगने पर कॉल को तुरंत डिसकनेक्ट करें।
कैसे करें UPI फ्रॉड की रिपोर्ट?
अगर आप UPI फ्रॉड के शिकार हो गए हैं, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक करने की कोशिश करें। इसके अलावा, आपको साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर जाकर भी रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए। जितनी जल्दी आप इसे रिपोर्ट करेंगे, उतनी जल्दी आपके पैसे रिकवर होने की संभावना बढ़ जाएगी।
UPI फ्रॉड से बचाव: अपने पिन और OTP की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें?
UPI ने हमारी लाइफ को काफी आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही इसके जरिए होने वाले साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप सतर्क रहें और ऊपर दिए गए टिप्स को ध्यान में रखें। किसी भी अनजान व्यक्ति से मिलने वाले लिंक, QR कोड, या पेमेंट रिक्वेस्ट से सावधान रहें। UPI पिन और OTP की जानकारी कभी भी किसी के साथ साझा न करें, और हमेशा अपने स्मार्टफोन और पर्सनल डिटेल्स की सुरक्षा का ध्यान रखें। साइबर ठगों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सतर्कता और सावधानी।