सोने की कीमतों में कमी: दिल्ली में सोने की कीमत में बुधवार को 150 रुपये की गिरावट आई, जिससे सोना 81,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की मांग में कमी के कारण सोने की कीमतों में यह गिरावट आई। वहीं, चांदी की कीमत स्थिर बनी रही और यह 96,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। इस गिरावट को वैश्विक बाजारों में दिख रहे कमजोर रुझानों और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से जोड़ा जा रहा है, जो कीमती धातुओं के लिए नकारात्मक साबित हो रहा है।
सोने की कीमतों में कमी: सोने की कीमत में गिरावट का कारण
सोने की कीमतों में कमी: सोने की कीमत में गिरावट की मुख्य वजह वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती है। बुधवार को वायदा बाजार में सोने की कीमत में 333 रुपये या 0.42 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे इसकी कीमत 78,174 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। एक समय तो सोने की कीमत 1,007 रुपये तक घटकर 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर भी पहुंच गई थी। डॉलर सूचकांक के बढ़ने से सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव देखा गया और यह 78,500 रुपये से 77,500 रुपये के बीच झूलता रहा।
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एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर की मजबूती से सोना 2,700 डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, सोने में थोड़ी स्थिरता आई और यह 2,725 डॉलर प्रति औंस के आसपास पहुंच गया। इस बदलाव से सोने की कीमतों पर भारी असर पड़ा है, जिससे भारतीय सर्राफा बाजार भी प्रभावित हुआ है।
सोने की कीमतों में कमी: चांदी की कीमत में भी गिरावट
सोने की कीमतों में कमी: चांदी की कीमत भी बुधवार को वायदा कारोबार में गिरकर 1,122 रुपये या 1.19 प्रतिशत कम हो गई और यह 93,526 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। दिन के कारोबार के दौरान चांदी की कीमत 3,158 रुपये या 3.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91,490 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गई। वैश्विक बाजारों में चांदी के वायदा अनुबंधों की कीमत में भी गिरावट आई, जिससे भारतीय बाजार में भी चांदी के भाव पर दबाव पड़ा। कॉमेक्स चांदी वायदा 1.10 प्रतिशत घटकर 32.42 डॉलर प्रति औंस पर आ गया था।
सोने की कीमतों में कमी: अमेरिकी डॉलर की मजबूती का असर
सोने की कीमतों में कमी: अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने वैश्विक बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों पर भारी दबाव डाला है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीतने की संभावना ने डॉलर को और मजबूती दी है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती की वजह से कीमती धातुओं की कीमतें गिर रही हैं, क्योंकि डॉलर के मुकाबले सोने और चांदी की कीमतें प्रभावित होती हैं। इस तरह के वैश्विक घटनाक्रमों का सीधा असर भारतीय सर्राफा बाजार पर देखा जा सकता है, जहां कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीतने की संभावना ने डॉलर को बढ़ावा दिया है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों पर बिकवाली का दबाव बढ़ा है। बाजार की यह स्थिति कीमती धातुओं के लिए नकारात्मक साबित हो रही है, और इसका असर भारतीय बाजारों में भी देखा जा रहा है।
सोने की कीमतों में कमी: भारतीय बाजार में मांग का असर
सोने की कीमतों में कमी: दिल्ली में सोने की कीमत में आई गिरावट के पीछे एक और कारण आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर मांग भी है। त्योहारी मौसम में सोने की मांग सामान्य रहती है, लेकिन इस समय बाजार में उतनी उत्साहजनक मांग नहीं दिख रही है। इससे सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा है और यह 150 रुपये घटकर 81,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
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सोने की कीमतों में कमी: भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों का क्या होगा?
सोने की कीमतों में कमी: यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वैश्विक बाजारों में डॉलर की स्थिति और अमेरिकी चुनावों के परिणाम किस तरह से सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करते हैं। यदि डॉलर की मजबूती बरकरार रहती है, तो कीमती धातुओं की कीमतों में और गिरावट हो सकती है। वहीं, यदि बाजार में बदलाव आता है और डॉलर की ताकत कम होती है, तो सोने और चांदी की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।
कुल मिलाकर, भारतीय सर्राफा बाजार में इस समय कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, जो मुख्य रूप से डॉलर की मजबूती और कमजोर वैश्विक रुझानों के कारण हो रही है। निवेशकों और उपभोक्ताओं को यह स्थिति समझने की जरूरत है ताकि वे सही समय पर निवेश कर सकें और लाभ उठा सकें।