TELANGANA HC: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तेलुगु फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन को 4 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की। यह आदेश 4 दिसंबर को हैदराबाद में उनकी फिल्म पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान हुई भगदड़ के मामले में दिया गया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद अर्जुन को हिरासत में लिया गया था।
TELANGANA HC: न्यायालय की टिप्पणी
एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति जुव्वाडी श्रीदेवी ने इस मामले में कहा कि प्रथम दृष्टया अल्लू अर्जुन को इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि उन्होंने प्रीमियर में भाग लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां ली थीं। न्यायालय ने कहा, “क्या यह त्रासदी उनकी जिम्मेदारी है? उन्होंने तो अनुमति ली थी। किसी व्यक्ति को केवल इसलिए जेल में नहीं रखा जा सकता कि वह एक अभिनेता है।”
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अदालत ने कहा कि कथित अपराध के तत्व प्रथम दृष्टया मौजूद नहीं हैं। न्यायालय ने अर्जुन को ₹50,000 के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी और उन्हें जांच में सहयोग करने तथा गवाहों को प्रभावित न करने का निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने कहा, “क्योंकि वह एक अभिनेता हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जाए। हर नागरिक का जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार है।”
TELANGANA HC: मामले का पृष्ठभूमि
4 दिसंबर को संध्या थिएटर में पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस घटना में एम. रेवती नाम की महिला की मृत्यु हो गई और उसका 9 वर्षीय बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, थिएटर में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, और भगदड़ के लिए अभिनेता की उपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया गया।
पुलिस का कहना था कि उन्हें अर्जुन की उपस्थिति के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस वजह से भीड़ को नियंत्रित करने के पर्याप्त उपाय नहीं किए जा सके। हैदराबाद पुलिस और टास्क फोर्स ने अर्जुन को उनके जुबली हिल्स स्थित आवास से हिरासत में लिया।
इस मामले में संध्या थिएटर के मालिक और दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न करने का आरोप लगाया गया है।
TELANGANA HC: न्यायालय में हुई सुनवाई
मामले की सुनवाई के दौरान, थिएटर मालिकों के वकील ने तर्क दिया कि आरोपियों के खिलाफ अपराध की मंशा का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस को पहले से ही अर्जुन की उपस्थिति के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया।
सरकारी वकील ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि अर्जुन को इस बात की जानकारी थी कि उनकी उपस्थिति से भगदड़ हो सकती है। हालांकि, न्यायालय ने सरकारी वकील के इस तर्क को खारिज कर दिया।
अर्जुन के वकील ने दलील दी कि एफआईआर में ऐसा कोई तथ्य नहीं है जिससे साबित हो कि अभिनेता की उपस्थिति से भगदड़ होने वाली थी। उन्होंने शाहरुख खान के एक पुराने मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि रईस फिल्म के प्रमोशन के दौरान भगदड़ मचने पर सुप्रीम कोर्ट ने खान को राहत दी थी।
न्यायालय ने कहा कि अर्जुन को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। न्यायालय ने पूछा, “क्या यह उचित है कि किसी को केवल अभिनेता होने के कारण जेल में रखा जाए?”
TELANGANA HC: अंतरिम जमानत का आदेश
अदालत ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अर्जुन को अंतरिम जमानत दी और उन्हें जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गवाहों को प्रभावित न किया जाए और जांच प्रक्रिया सुचारू रूप से चले।
इस मामले में अभी जांच चल रही है। पुलिस ने सभी पक्षकारों से सहयोग की मांग की है। मृतक महिला रेवती के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस मामले में अभिनेता अल्लू अर्जुन और अन्य आरोपियों को अंतरिम राहत दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल अभिनेता होने के आधार पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि, अदालत ने जांच को प्रभावित किए बिना निष्पक्ष सुनवाई का भी आश्वासन दिया है।