DELHI AIR POLLUTION: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण IV को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने एनसीआर में आने वाले सभी राज्यों को आदेश दिया कि वे जीआरएपी के तहत प्रदूषण-रोधी उपायों को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और राजस्व अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाएं।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ये टीमें न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगी और इस प्रक्रिया में “न्यायालय के अधिकारी” के रूप में कार्य करेंगी। साथ ही, टीमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को अपनी रिपोर्ट नियमित रूप से सौंपेंगी ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
DELHI AIR POLLUTION: राज्यों के लिए समान नियम बनाने की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को दिल्ली सरकार के समान निर्णय लेने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि एनसीआर के भीतर सभी राज्यों को पटाखों पर समान प्रतिबंध लागू करना चाहिए, ताकि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में कोई असमानता न हो।
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दिल्ली सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय ले लिया है। हरियाणा ने बताया कि वे केवल हरित पटाखों की अनुमति देंगे, जबकि राजस्थान ने एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब तक एनसीआर के सभी राज्य समान प्रतिबंध नहीं लगाते, तब तक यह उपाय प्रभावी नहीं होगा। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा को निर्देश दिया कि वे दिल्ली के समान प्रतिबंध लागू करें।
DELHI AIR POLLUTION: पराली जलाने पर कड़ी निगरानी का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों, विशेषकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश, को पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अपने स्तर पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
सुनवाई के दौरान न्यायालय को सूचित किया गया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण GRAP IV को फिर से लागू करना पड़ा। यह चरण तब लागू होता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में आ जाता है।
5 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता में सुधार के चलते GRAP IV प्रतिबंधों को हटाने की अनुमति दी थी। हालांकि, वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण 11 दिसंबर को इसे फिर से बहाल किया गया। GRAP IV के तहत निम्नलिखित प्रतिबंध लागू होते हैं:
- निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
- गैर-आवश्यक उद्योगों और ईंट भट्टों का संचालन बंद।
- निजी वाहनों के उपयोग को सीमित करना।
DELHI AIR POLLUTION: न्यायालय की टिप्पणी: सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। न्यायालय ने एनसीआर के सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए न केवल GRAP IV के प्रावधानों का पालन करें, बल्कि एक-दूसरे के साथ समन्वय भी बनाएं।
DELHI AIR POLLUTION: निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एक महत्वपूर्ण कदम है। GRAP IV के सख्त कार्यान्वयन और पटाखों पर समान प्रतिबंध के माध्यम से न्यायालय ने प्रदूषण नियंत्रण में सुधार के लिए एक ठोस प्रयास किया है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी संबंधित एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करें और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण अपनाएं।